गाजीपुर। करंडा क्षेत्र में बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया है। तुलसीपुर, शेरपुर, रफीपुर, महाबलपुर, सोकनी, कटरिया, करंडा, गोसन्देपुर और नौदर जैसे दर्जनों गांव पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं। गंगा का पानी रिहायशी इलाकों में तेजी से घुस रहा है, जिससे हजारों लोग अपने घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।
महाबलपुर गांव में हालात सबसे अधिक भयावह हैं। यहां के लोग अपने मवेशियों और जरूरी सामानों के साथ सुरक्षित ठिकानों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। गांवों में सड़कें डूब चुकी हैं और अब नाव ही एकमात्र सहारा बन गई हैं।

ग्रामीण खेतों और नहर के किनारे तिरपाल की झोपड़ियों में जीने को मजबूर हैं। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हालत बेहद चिंताजनक है। बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है और अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस राहत या बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों में रोष है। उनका कहना है कि हर साल बाढ़ आती है, लेकिन सरकार और प्रशासन सिर्फ आश्वासन देकर रह जाते हैं। इस बार हालात बेकाबू हैं और अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो जान-माल का भारी नुकसान तय है।
