गाजीपुर। गाजीपुर जिले में जल संरक्षण के प्रयासों को उस समय गहरा झटका लगा, जब नगर पालिका परिषद गाजीपुर के सिंचाई विभाग चौराहे के पास ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत लगी पानी की पाइपलाइन में एक सप्ताह से लगातार लीकेज देखा गया। इस लीकेज के कारण प्रतिदिन हजारों लीटर स्वच्छ, पीने योग्य पानी व्यर्थ बह रहा है। इस गंभीर समस्या के बावजूद, जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद का रवैया उदासीन बना हुआ है।
जल संरक्षण के नारों पर सवाल
एक ओर सरकार ‘जल ही जीवन है’ जैसे नारों के साथ जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैला रही है, वहीं दूसरी ओर गाजीपुर में ‘नमामि गंगे’ जैसी महत्वपूर्ण योजना के तहत बिछाई गई पाइपलाइन से पानी की बर्बादी हो रही है। यह स्थिति जल संकट का सामना कर रहे समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। लीकेज से बहने वाला पानी सीधे तौर पर बर्बाद हो रहा है, जो कि प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर करता है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जताई नाराजगी, तत्काल कार्रवाई की मांग
इस मुद्दे को लेकर समाज में गहरा रोष है। समाजसेवी और पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय, कांग्रेस शहर उपाध्यक्ष रईस अहमद, पूर्व छात्रसंघ महामंत्री सुधांशु तिवारी, सियाउल हसन, सतीश उपाध्याय, दिव्यांशु पांडे और कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि प्रशासन जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है और मूकदर्शक बना हुआ है।

इन सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद से तत्काल इस लीकेज को ठीक कराने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे जनहित में एक बड़ा आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे।
पिछले 5 घंटे से सामाजिक कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं और प्रशासन से जवाब की मांग कर रहे हैं।
