
गाजीपुर। जहाँ एक ओर लोग मातृ दिवस पर अपनी माँ को फूल, केक और उपहार देकर बधाइयाँ दे रहे थे, वहीं गाजीपुर की महिला भूमिहार समाज की महिलाओं ने इस दिन को कुछ अलग और अनमोल अंदाज़ में मनाया। उन्होंने उन माँओं की सूनी आँखों में खुशियाँ भरने की कोशिश की, जिन्हें उनके अपने ही अकेलेपन की सौगात देकर वृद्धाश्रम छोड़ आए थे।
छावनी लाइन स्थित वृद्धाश्रम में जैसे ही केक काटा गया और गीतों की मिठास गूंजी, वहाँ बैठी कई माताओं की आँखें भर आईं। किसी को बेटे की याद आई, किसी को बहू की, किसी को उस छोटे से हाथ की जो कभी उनका आंचल खींचता था।
महिला भूमिहार समाज की सदस्याओं ने न सिर्फ उन माताओं को मिठाई खिलाई और उपहार दिए, बल्कि उनके साथ बैठकर गीत गाए, उनके हाथ थामे, और उन्हें यह एहसास दिलाया कि वे अकेली नहीं हैं।
समाज की महिलाओं ने कहा, “माँ से बड़ा कोई रिश्ता नहीं। अगर हम इस दिन एक भी माँ के चेहरे पर मुस्कान ला पाए, तो यही हमारा सच्चा मातृ दिवस है।”
इस भावुक अवसर पर गिरिजा राय, कनकलता राय, डॉ. ऋचा राय, रंजना राय, अर्चना राय, प्राची राय, गायत्री राय, पूनम राय, अनु राय, राधिका राय, शिल्पी और सरिता राय मौजूद रहीं।