अपर मुख्य अधिकारी और राजस्व निरीक्षक पर जबरन वसूली, धोखाधड़ी और मानसिक उत्पीड़न का संगीन आरोप
गाजीपुर। जिले की प्रशासनिक व्यवस्था उस वक्त सवालों के घेरे में आ गई जब जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी अरविंद कुमार आनंद और राजस्व निरीक्षक अरविंद सिंह यादव पर विभागीय कर्मियों और ठेकेदारों ने करोड़ों रुपये के घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाया।
सोमवार को दर्जनों पीड़ित कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधिकारी अविनाश कुमार को शिकायती पत्र सौंपा। डीएम की अनुपस्थिति में एएसडीएम चंद्रशेखर ने पत्र ग्रहण किया और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
पीड़ित राजस्व निरीक्षक जोखन राय ने बताया कि आरोपित अधिकारियों ने विभागीय कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बनाकर एक निजी कंपनी ‘सनड्रापशीप’ से जबरन जुड़ने को मजबूर किया और नकद व चेक के जरिए मोटी रकम ऐंठी। जो कर्मचारी पैसा देने से इनकार करते, उन्हें निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की धमकी दी जाती थी।
पीड़ितों के अनुसार, समय बीतने पर जब उन्होंने अपनी राशि वापस मांगी तो अधिकारी टालमटोल करने लगे। इस बीच जानकारी मिली कि अपर मुख्य अधिकारी अरविंद कुमार आनंद का तबादला गुपचुप तरीके से दूसरे जनपद में कर दिया गया, जिससे पीड़ितों को अंदेशा हुआ कि अब उनकी रकम डूब जाएगी।
आरोप है कि “कंपनी में निवेश” के नाम पर करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की गई है। पीड़ित कर्मचारियों ने डीएम से मांग की है कि तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर इस प्रशासनिक लूट की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, अन्यथा उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
प्रशासन का पक्ष:
एएसडीएम चंद्रशेखर ने कहा “कर्मचारियों द्वारा सौंपा गया पत्र जिलाधिकारी को पहुंचा दिया जाएगा। उनके निर्देश पर जांच होगी और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
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