गाजीपुर। भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीनस्थ वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के तत्वाधान में केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, गोरखपुर द्वारा चौदह सप्ताह तक संचालित होने वाले खरीफ फसल में दलहन के फसल पर किसान खेत पाठशाला का उद्घाटन ग्राम- जमुआँव, करंडा में किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत में संचालक रत्नेश कुमार मिश्रा(सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी) ने ग्रामप्रधान श्री अंकेश कुमार सिंह का स्वागत करते हुए केंद्र का परिचय दिया एवम पाठशाला की रूपरेखा बताई ।ग्रामप्रधान ने किसानो को पाठशाला में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया ।केंद्र प्रभारी एवं सहायक निदेशक श्री राजेन्द्र कुमार ने किसानो से उत्पादित फसल और उसमे लगने वाली कीट-बीमारी के बारे में जानकारी ली और आई पी एम( एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन) का उद्देश्य बताते हुए वैज्ञानिक विधि की खेती से उन्हें परिचित कराया।सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी सुश्री लेखाश्री ने बीजशोधन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। केंद्र से आयी वैज्ञानिक सुश्री श्वेताश्री ने नीलगाय की समस्या पर चर्चा की और संभावित सामाधान बताया । मौके पर राज्य कृषि विभाग से श्री राजनाथ सिंह यादव, गिरधारी, अजय कुमार आदि मौजूद थे। केंद्र के वरिष्ठ कर्मचारी जे पी सिंह का सहयोग रहा। प्रगतिशील किसान अरविन्द कुमार सिंह, राजकिशोर सिंह, सुरेंद्र दूबे,अवधेश सिंह आदि मौजूद रहे।
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