गाजीपुर की महान जनता ने पिछले साल आज 04-जून की ही तारीख को तीसरी बार मुझें अपना नुमाइंदा चुनकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में भेजने का फैसला सुनाया था।मेरे लिए राजनीत का मकसद राजसी जीवन व ठाट-बाट वाली जिंदगी जीना नहीं है बल्कि दबे, कुचले, शोषित, वंचित और समाज के अंतिम पायदान पर पड़े और खड़े व्यक्ति के लिए संघर्ष करते रहना है, उनके हक और हुकूक की लड़ाई जारी रखना है, उनको अधिकार और न्याय दिलाना ही मेरे लिए जीवन का मुख्य उद्देशय है।कमजोर, लाचार, और असहाय लोगों की समस्याओं के लिए हम सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखते हुए आगे भी मजलूमों की कतार में खड़े रहकर उसी जोश, तेवर और कलेवर के साथ,उनकी आवाज को और मजबूती से बुलंद करते रहेंगे।
इन दिनों फिर एक बार साजिश करने वालों को मिलीभगत से एक सफलता हासिल हो गई है जिसका जश्न मनाया जा रहा है लेकिन आपलोग हौसला बुलंद रखें, हम कानून के रास्ते से इंसाफ हासिल करने के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष करेंगे।
गाजीपुर: न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे..पर कुछ लोग मुझे गिराने में बार-बार गिरे- अफजाल अंसारी का पोस्ट वायरल
जरुर पढ़े