गाजीपुर। अंधऊ और शहबाजकुली गांव में भारतीय सेना की भूमि पर बने हवाई पट्टी की जमीन पर वर्षों से अतिक्रमण कर मकान बना लिए गए हैं। रक्षा संपदा कार्यालय प्रयागराज के अनुसार सबसे अधिक पक्का निर्माण बिराइच और शहबाजकुली में हुआ है। अगर अतिक्रमण हटाया गया तो सैकड़ों लोग बेघर और भूमिहीन हो जाएंगे।बिराइच गांव का उत्तरी छोर पूरी तरह समाप्त हो सकता है, जबकि अंधऊ गांव के पश्चिमी छोर पर बने सभी मकानों को गिराया जाएगा। चकहुसाम, चकदराब, बीकापुर, बकुलियापुर, चंदनबहा, मिट्ठनपारा, कपूरपुर, फतेहपुर, सिकंदर, रजदेपुर, खिदिराबाद, चकजिवधर, माधोपुर मिश्रवलियां, मिश्रवलिया, देवकठियां और खैरूल्लहपुर के भी सैकड़ों मकान कार्रवाई की जद में आ जाएंगे।यह कब्जा एक-दो वर्षों में नहीं, बल्कि दशकों में हुआ है। पहले लोगों ने हवाई पट्टी की जमीन पर खेती शुरू की और फिर धीरे-धीरे मकान बना लिए। अंधऊ गांव के पश्चिमी छोर पर जितने निर्माण हुए हैं, वे सभी सेना की भूमि पर बने हैं।रक्षा संपदा विभाग की टीम अब हर इंच जमीन की पैमाइश कर रही है और जहां सरकारी भूमि पर पक्का निर्माण पाया जा रहा है, वहां उसे हटाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। राजस्व विभाग के अनुसार बिराइच में करीब 150, चकहुसाम में 15 और खैरूल्लहपुर में 25-30 घर खतरे में हैं।तहसील प्रशासन की लापरवाही से वर्षों तक यह कब्जा होता रहा, लेकिन अब सेना के सक्रिय होने पर प्रशासन हरकत में आया है। मकान गिराए जाने की कार्रवाई से सैकड़ों परिवारों का भविष्य अधर में लटक गया है।
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