उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में प्रशासन ने 252 गांवों को चिह्नित किया है, जहां आगामी दिनों में बाढ़ का खतरा है. बता दें कि गाजीपुर जिले साल 1971 से लेकर 2024 तक 53 सालों में 25 बार बाढ़ का दर्द झेल चुका है. वहीं आगामी बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.
गाजीपुर में 1971 से लेकर 2024 तक 53 सालों में 25 बार बाढ़ आ चुकी है. पिछले दो साल से यहां लगातार नदियों का जल स्तर चेतावनी बिंदु को पार कर जा रहा है. इस बार पहले से तैयार प्रशासन ने 252 गांवों को चिह्नित किया है, जहां आगामी दिनों में बाढ़ का खतरा है. इन गांवों को दो श्रेणियों में बांटा गया है. 128 गांवों को अति संवेदनशील और 124 को संवेदनशील श्रेणी में रखकर निगरानी की जा रही है.
जिले में गंगा के बढ़ाव से मुहम्मदाबाद और जमानिया तहसील में सबसे अधिक तबाही होती है. गाजीपुर जनपद गंगा किनारे बसा हुआ है. गंगा के साथ ही अन्य आठ नदियां भी गाजीपुर में बहती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बाढ़ का असर गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर के बाद होता है. स्थिति यह हो जाती है कि लोगों को अपने घरों से पलायन करने को भी मजबूर होना पड़ जाता है.
जिला प्रशासन बाढ़ से पहले करता है तैयारी का दावा:
हालांकि जिला प्रशासन बाढ़ से पहले ही बाढ़ राहत की तैयारी का दावा भी करता है. इस बार भी जिला प्रशासन के द्वारा बाढ़ राहत सामग्री के टेंडर के साथ ही बाढ़ राहत केंद्र, बाढ़ चौकियां, नाविक और मछुआरों की व्यवस्था करने का दावा किया जा रहा है. जिला प्रशासन पूर्व से ही व्यवस्था करते हुए जनपद को दो श्रेणियां में बांटता है, जिसमें 128 गांव अति संवेदनशील और 124 गांव संवेदनशील श्रेणी में आते हैं.
रेवतीपुर ब्लाक के गांव पहले होते हैं बाढ़ प्रभावित:
इन्हीं को ध्यान में रखते हुए उनकी निगरानी की जाती है. जब बाढ़ आती है, तो सबसे ज्यादा प्रभावित मोहम्दाबाद और जमानिया तहसील के गांव होते हैं. गाजीपुर के रेवतीपुर ब्लाक के करीब 10 गांव सबसे पहले बाढ़ प्रभावित गांवों में शुमार हो जाते हैं. इसका कारण ये है कि गंगा जहां अपने सामान्य जलस्तर से थोड़ी भी बढ़ती है इन गांवों को अपने चपेट में ले लेती है. इसलिए जिला प्रशासन का इन गांवों पर विशेष फोकस रहता है.
गंगा का सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर:
गंगा के जलस्तर की बात करें तो सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर है, जबकि चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर है. वहीं खतरा बिंदु 63.105 मीटर है. साल 2023 और 2024 में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पर करते हुए 61.570 मीटर पहुंच गया था. नदियों के निम्न स्तर तक जल का स्तर पहुंचने पर जिले के करीब 200 से ऊपर गांव प्रभावित होते हैं. वहीं मध्य जल स्तर पहुंचने पर 300 से ऊपर गांव और उच्च जल स्तर पहुंचने पर 400 से ऊपर गांव बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं.
2024 में गंगा खतरे के निशान को कर गई थी पार:
गाजीपुर में साल 1971 से लेकर साल 2024 के जलस्तर की बात करें तो साल 1978 में 65.220 मीटर, 1981 में 65.125 मीटर, 1996 में 65.80 मीटर, 2013 में 65.240 मीटर, 2016 में 65.040 मीटर के बाद साल 2023 और 2024 में गंगा ने खतरे का निशान पार करते हुए जनपद के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों और पशुपालकों के साथ ही खेती को व्यापक रूप से प्रभावित किया था.
आगामी बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तैयारी:
अपर जिलाधिकारी और नोडल आपदा प्रबंधन दिनेश कुमार के अनुसार, आगामी बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. शासन के निर्देश पर मॉक ड्रिल भी कर दिया गया है. इस बार के मॉक ड्रिल में रेलवे को भी जोड़ा गया था, क्योंकि बाढ़ के दौरान रेलवे ट्रैक बाधित हो जाता है, तो कैसे रेलवे ट्रैक को सही कर रेलवे को संचालन किया जाए.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि तैयारी के क्रम में बाढ़ राहत केंद्र, शरणालय, बाढ़ चौकिया, प्रभावित इलाकों में लगाई जाने वाली नाव के साथ ही गोताखोर और अन्य व्यवस्थाओं की तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं.
गाजीपुर: 53 सालों में 25 बार बाढ़, इस बार भी गाजीपुर के 252 गांवों में अलर्ट; कैसे निपटेगा प्रशासन?
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